Sudha Sikrawar

Book Detail

Vihangini

4.5/5

(19+ Reviews)

  • About

VIHANGINI is collection of such poetry , which can be the soul of anyone, One who wanders from one place to another, sees problems , faces problems , asks questions to the God.And then finally lives in this world by finding solutions.

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मैं यह बात सबसे पहले स्पष्ट कर देना चाहूंगी कि, सुधा मैम के लेखन की समीक्षा करने योग्य मैं कतई भी नहीं हूँ। मैं जो कुछ भी उनकी पुस्तक के बारे में लिख रही हूँ, ये मेरे विचार अथवा भाव हैं उनके लेखन से संबंधित, इसको समीक्षा बिल्कुल ना समझा जाए। एक तो उम्र में मैं उनसे बहुत छोटी और दूसरी बात लेखन में तो उनके आगे मैं कुछ नहीं हूँ। उनका लिखा पढ़कर मुझे यह पूर्णतया विश्वास हो गया कि मैं कुछ नहीं जानती हूँ। मैं सीखने की उस बेला में हूँ, जिसे सुधा मैम बहुत पहले पार कर चुकी हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि उन्होंने मुझे अपने प्रेम, स्नेह और आशीर्वाद से अभिसंचित किया। आज जो साहित्य की स्थिति है, उसे देखकर मैं इतना कह सकती हूँ कि सुधा मैम कीचड़ में खिला कमल हैं। साहित्य मुझे कहीं जीवित दिखा तो वह सुधा मैम के लेखन में। “विहंगिनी” गागर में सागर भरे हुए है। हिंदी के उच्च मापदंड को स्पर्श करती हुई यह पुस्तक लेखिका के उत्कृष्ट लेखन कौशल के साथ उनके भीतर निहित ज्ञान के दिव्य पुंज से आपको परिचित कराती है। आपको इसमें जयशंकर प्रसाद की “कामायनी” की झलक दिखाई देगी। शब्द इतने सुंदर जो लेखन को कला बनाकर प्रदर्शित करते हैं। भूमिका से शुरू करेंगे आप पढ़ना तो अन्य कविताओं तक का सफ़र आपके मानस-पटल को झकझोर देगा। आपकी उत्सुकता और बढ़ेगी स्वयं को जानने की। आप एक बार को महसूस कर सकते हैं जैसे आप शब्द-संसार के सम्मोहन में हैं। लेखन की सुंदरता “विहंगिनी” में है।जयशंकर प्रसाद, रविन्द्रनाथ टैगोर और मुंशी प्रेमचंद जैसा लेखन है सुधा मैम का।

kaumudi Reader

अद्भुत कविताओं का दुर्लभ काव्य संग्रह - पुस्तक 'विहंगिनी' लेखिका सुधा सिकरावर जी की 23 सुंदर कविताओं का काव्य संग्रह है।मैं आपको पहले ही अवगत करवा दूँ कि, जिस उत्कृष्टता और उज्ज्वलता के साथ यह कवितायें सुधा जी द्वारा लिखी गयी है।उसकी नाम मात्र भी समीक्षा कर पाना संभव नही है, मेरा सिर्फ यथा सम्भव प्रयास मात्र है।इस पुस्तक को पढ़ना और समझना अपने आप में नया अनुभव प्राप्त करने जैसा है और पुराने अनुभवों में नयापन लाने जैसा।इसलिए ही यह पुस्तक मैंने दो बार पढ़ी, ताकि मैं इसकी उत्तमता के कुछ समीप पहुँच सकूँ।नई वाली हिंदी के दौर में यह कृति आपको हिंदी भाषा की सुगमता और सहजता की ओर ले जाने में पूर्णतः सक्षम है।जिस मूल्य पर यह प्राप्त होती है यक़ीन मानिए यह उसे कई गुना ज़्यादा अमूल्य है।

Pawan Dubey Reader

Must read once - सुधा सिकरवार द्वारा "विन्हांगिनी" हिंदी कविता का एक सुंदर संग्रह है जो गहन, आत्मनिरीक्षण और शक्तिशाली तरीके से विषयों की एक श्रृंखला की पड़ताल करता है। खोज, जीवन, पहचान, दर्पण और बहुत अधिक दिल को छू लेने वाली कविताओं से, लेखक मानवीय भावनाओं की जटिलताओं और विस्तार के लिए गहरी नज़र और मानवीय स्थिति की गहरी समझ के साथ अनुभव करता है। संग्रह में 23 अच्छी तरह से तैयार की गई कविताएँ शामिल हैं, प्रत्येक एक अद्वितीय विषय के साथ है जो उन असंख्य भावनाओं को दर्शाता है जो मनुष्य अनुभव करते हैं। कविताएँ लालसा, जुनून और आत्मनिरीक्षण की गहरी भावना से भरी हैं जो मानव हृदय के अनकहे विचारों और अधूरी महत्वाकांक्षाओं को पकड़ती हैं। लेखक की लेखन शैली गीतात्मक और शक्तिशाली दोनों है, और वह अपने संदेश को पाठकों तक पहुँचाने के लिए कई तरह के साहित्यिक उपकरणों का उपयोग करती है।

Mayank Raj Prasad Reader

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