Sudha Sikrawar

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मेरा परिचय – एक लेखिका | Sudha Sikrawar

“EVERYWHERE TRAFFIC IS JAM”

मन एवं अंत:करण में आने वाले भावों को कविता, कहानी या उपन्यास के रूप में  प्रस्तुत  करना ही मेरा परिचय है।

मैं एक लेखिका हूँ, अपना परिचय देते हुए सर्वप्रथम मैं पुस्तकों और उसके छपने की प्रकिया तथा उन्हें पढ़ने के बारे में बात कर रही हूँ । किसी भी लेखक जो कि कहानी, उपन्यास,निबंध, लेख या कविता लिखते हैं उनका दायित्व होता है कि समाज में दिखने वाली विषमताओं और समताओं के प्रभाव को अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के समक्ष रखें ।

सबसे पहले मैं पुस्तक के छपने की प्रक्रिया के बारे मैं बात कर रही हूँ । बहुत पहले पुस्तक को छपवाने का एक ही धरातल होता था और वह था पारम्परिक। परन्तु यहाँ पर भीड़ बहुत थी और आज भी है। मतलब यह कि किसी भी लेखक को अपनी पुस्तक को पाठकों तक लाने के लिए अथक परिश्रम और एक लम्बी लाइन में लगना पड़ता है और इसके बाद भी यह निश्चित नहीं है कि आपकी पुस्तक प्रकाशित हो जायेगी, सदैव एक सन्देह रहता है। पारम्परिक प्रकाशन की जटिलताओं को देखते हुए स्व प्रकाशन का दौर शुरू हुआ। मैं अभी इसके इतिहास के बारे में बात नहीं कर रही हूँ। प्रत्येक व्यक्ति में   एक लेखक होता है, परन्तु हर लिखने वाला लेखक नहीं होता है । स्व प्रकाशन में लेखक अपनी हर बात को कहने के लिए स्वतन्त्र और खुद ही जिम्मेदार होता है।

पारम्परिक प्रकाशन में एक लम्बी लाइन है तो स्व प्रकाशन में एक सैलाब है। पूरे विश्व में लगभग 11,000  से अधिक पुस्तकें प्रतिदिन प्रकाशित होती हैं, (अगर इतना ही ज्ञान इन पुस्तकों और संसार में है तो हमारा समाज पतन की और क्यों है ?)  क्या इतनी पुस्तकों को सभी पढ़ते हैं या पढ़ सकते हैं ? अपने विचारों को सीधे -सीधे कैसे सम्प्रेषित किया जाए ? इसके लिए सोशल मीडिया ने कई धरातल दिए जैसे कि इंस्टाग्राम, ट्विटर , फेसबुक,यूट्यूब और बहुत यहाँ पर कई बार विचारों की लड़ाई का भी सामना करना पड़ता है।

वेबसाइट ठीक उसी तरह है जैसे कि अपना घर जहाँ से हम अपनी बात सीधे सीधे सम्प्रेषित कर सकते हैं।

आज हर जगह चक्का जाम है। एक भीड़ है, उस भीड़ में हमे थोड़ा सा खाली स्थान अपने घर और घर के दरवाजे के बाहर मिलता है। इसी जगह का उपयोग करते हुए हमे अपनी बात को भीड तक लेकर जाना है। प्रकृति में चक्का जाम, सड़कों पर चक्का जाम, विचारों में चक्का जाम, इस पृथ्वी पर कोई भी जगह ऐसी नहीं है जहाँ भीड़ न हो। इसी भीड़ में से हम प्रत्येक विषय पर समयानुकूल  बात करेंगे | आप भी अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं मेरे इस छोटे से घर में।

आज मेरे परिचय में  केवल इतना ही सा।

परिचय का यह दौर कल भी जारी रहेगा।

धीरे धीरे हम विस्तार से बात करेंगे।

लेकिन हर जगह चक्का जाम है।

आप क्या कहते हैं ?

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Sudha Sikrawar is an author, who is believer of truth in life finds her inspiration through her surroundings. Since childhood she was fond of listening to stories which made her niquisite about the realities of the world...

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